PM E-DRIVE Yojana: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल नजर आ रहा है! सरकार ने हाल ही में पीएम ई-ड्राइव स्कीम का ऐलान किया है, जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को एक नई उड़ान देने वाली है।
इस स्कीम के जरिए, सरकार ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स, और बसों के लिए सब्सिडी की घोषणा की है। लेकिन, इस बार इलेक्ट्रिक कारों को छोड़ दिया गया है।
PM E-DRIVE SCHEME
PM E-DRIVE स्कीम का लॉन्च 2024 के मध्य में हुआ और इसका कुल बजट ₹10,900 करोड़ है।
यह Scheme इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के अपनाने को बढ़ावा देने के लिए है, लेकिन इस बार इलेक्ट्रिक कारों को इस स्कीम से बाहर रखा गया है।
सरकार ने इस स्कीम के जरिए 25 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, 3 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, और 14,000 इलेक्ट्रिक बसों को समर्थन देने का लक्ष्य रखा है।
Subsidy
Vehicle | First Year | Maximum | Second Year | Maximum |
Type | Subsidy(per kWh) | Benefit (First Year) | Subsidy (per kWh) | Benefit (Second Year) |
Electric Two-Wheelers | ₹5,000 | ₹10,000 | ₹2,500 | ₹5,000 |
Electric Three-Wheelers | ₹25,000 | ₹25,000 | ₹12,500 | ₹12,500 |
Electric Cars Subsidy
पहले की योजनाओं जैसे FAME-2 ने इलेक्ट्रिक कारों को भी समर्थन दिया था, लेकिन पीएम ई-ड्राइव स्कीम में उन्हें छोड़ दिया गया है।
सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए पहले से ही कम GST और स्थानीयकरण योजनाओं जैसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम्स काफी हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें गिरने वाली हैं क्योंकि लिथियम-आयन बैटरी की कीमतें और स्केल की अर्थव्यवस्थाएँ घट रही हैं।
Localization Rules
एक और महत्वपूर्ण अपडेट यह है कि सरकार ने स्थानीयकरण नियमों को कड़ा करने का प्लान बनाया है।
इसका मतलब है कि OEMs को सरकार की सब्सिडी के लिए कुछ विशिष्ट कंपोनेंट्स को स्थानीय रूप से उत्पादन करना पड़ेगा।
यह कदम भारत के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए है।
Impact on Public Transport
PM E-DRIVE स्कीम का एक मुख्य फोकस जन परिवहन है। सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों को भी समर्थन देने का प्लान बनाया है।
स्कीम के तहत, 52,028 इलेक्ट्रिक बसों को समर्थन दिया जाएगा, जिसमें पीएम ई-ड्राइव स्कीम के तहत 14,028 बसें और पीएम-ईबस सेवा-पीएसएम स्कीम के तहत 38,000 बसें शामिल हैं।
Distribution and Infrastructure
इलेक्ट्रिक बसों के लिए फंड वितरण भी तय किया गया है। बसों को प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और चेन्नई में तैनात किया जाएगा।
यह भी कहा गया है कि पुरानी बसों को स्क्रैप करने के बाद नई इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की जाएंगी।
Future Expectations
बाजार की बात करें तो, FAME-2 स्कीम के समाप्त होने के बाद इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है।
बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, इलेक्ट्रिक कार रजिस्ट्रेशन मार्च 2024 तक औसतन 8,158 प्रति माह थे, लेकिन उसके बाद गिरावट देखने को मिली है।
इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में धीमापन का एक बड़ा कारण अपर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। भारत में वर्तमान में 25,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन्स हैं, लेकिन यह संख्या 46 लाख EVs के लिए पर्याप्त नहीं है।
Challenges and Opportunities
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कुछ चुनौतियाँ हैं जो हल की जा रही हैं। इन चुनौतियों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी लागत, और स्थानीयकरण मुद्दे शामिल हैं।
लेकिन, सरकार की पहलों और नीतियों से ये समस्याएँ धीरे-धीरे हल होंगी, जो लंबे समय में EV अपनाने को बढ़ावा देंगी।
PM E-DRIVE स्कीम भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
जबकि इलेक्ट्रिक कारों को इस स्कीम से बाहर रखा गया है, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स, और बसों को महत्वपूर्ण समर्थन मिल रहा है।
यह स्कीम स्थानीय निर्माण को भी बढ़ावा देती है, जो भारत के EV इकोसिस्टम की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
FAQs
1. पीएम ई-ड्राइव स्कीम क्या है?
PM E-DRIVE स्कीम भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई एक नई योजना है जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) के अपनाने को बढ़ावा देना है।
इस स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स, और बसों के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी। हालांकि, इस बार इलेक्ट्रिक कारों को इस स्कीम से बाहर रखा गया है।
2. इस स्कीम के तहत किस प्रकार की सब्सिडी मिलेगी?
PM E-DRIVE स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को ₹5,000 प्रति kWh की सब्सिडी मिलेगी, जिससे पहले वर्ष में ₹10,000 और दूसरे वर्ष में ₹5,000 तक का लाभ प्राप्त होगा।
इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स को पहले वर्ष में ₹25,000 और दूसरे वर्ष में ₹12,500 की सब्सिडी मिलेगी। L5 कैटेगरी थ्री-व्हीलर्स को पहले वर्ष में ₹50,000 और दूसरे वर्ष में ₹25,000 की सब्सिडी मिलेगी।
3. इलेक्ट्रिक कारों को इस स्कीम से क्यों बाहर रखा गया है?
सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए पहले से ही कम GST और स्थानीयकरण योजनाएं जैसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम्स उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, बैटरी की कीमतों में गिरावट और स्केल की अर्थव्यवस्थाएँ भी इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों को कम कर रही हैं, जिससे सब्सिडी की आवश्यकता नहीं समझी गई है।
4. पीएम ई-ड्राइव स्कीम का प्रभाव सार्वजनिक परिवहन पर क्या होगा?
PM E-DRIVE स्कीम का एक मुख्य फोकस सार्वजनिक परिवहन है। इसके तहत 52,028 इलेक्ट्रिक बसों को समर्थन मिलेगा, जिसमें 14,028 बसें पीएम ई-ड्राइव स्कीम के तहत और 38,000 बसें पीएम-ईबस सेवा-पीएसएम स्कीम के तहत शामिल हैं।
यह कदम बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती और पुरानी बसों की स्क्रैपिंग को बढ़ावा देगा।
5. इस स्कीम के लागू होने से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अपनाने में क्या बदलाव आ सकते हैं?
PM E-DRIVE स्कीम इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स, और बसों के लिए सब्सिडी प्रदान कर के EV अपनाने को बढ़ावा देगी। इससे इन वाहनों की लागत कम होगी और अधिक लोग इन्हें अपनाएंगे।
इसके अलावा, यह स्कीम स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देगी और आयात पर निर्भरता को कम करेगी। हालांकि, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी लागत जैसी चुनौतियों का समाधान भी जरूरी होगा।
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